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महामृत्युंजय मंत्र: जीवन रक्षा का दिव्य स्त्रोत

बुध - 20 मार्च 2024

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महामृत्युंजय मंत्र हिंदू धर्म में सबसे शक्तिशाली मंत्रों में से एक माना जाता है। यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है, जिन्हें मृत्युंजय अर्थात् मृत्यु को जीतने वाला के नाम से भी जाना जाता है। आइए, इस पवित्र मंत्र के बारे में गहराई से जानते हैं।

महामृत्युंजय मंत्र: जीवन रक्षा का दिव्य स्त्रोत - Utsav App



विषय सूची

1.महामृत्युंजय मंत्र:
2.महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ
3.महामृत्युंजय मंत्र के जप के फायदे
4.महामृत्युंजय मंत्र जप के नियम
5.जप का सबसे अच्छा समय
6.क्या महिलाएं पीरियड्स के दौरान जप कर सकती हैं?
7.जप की संख्या 

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महामृत्युंजय मंत्र:

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ।।

 महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ:

यह मंत्र भगवान शिव को तीन नेत्रों वाले (त्र्यम्बक) के रूप में संबोधित करता है, जो सुगंधित और पोषण वर्धक हैं। मंत्र में कहा गया है कि जिस तरह से तरबूज (उर्वारुक) अपने बंधन (बेल) से मुक्त हो जाता है, उसी तरह हमें भी मृत्यु के चंगुल से मुक्ति दिलाएं और हमें अमरता प्रदान करें। यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है।

महामृत्युंजय मंत्र के जप के फायदे

1. महामृत्युंजय मंत्र का जप करने के कई लाभ बताए गए हैं, जिनमें शामिल हैं:
2.अच्छा स्वास्थ्य और दीर्घायु
3.रोगों से मुक्ति
4.मन को शांति और स्थिरता प्रदान करना
5.भय और चिंता दूर करना
6.आध्यात्मिक विकास में सहायता करना

महामृत्युंजय मंत्र जप के नियम:

1.हर मंत्र की तरह महामृत्युंजय मंत्र का जप भी कुछ नियमों के साथ किया जाता है।
2.पूजा की सामग्री: जप करने से पहले शुद्ध आसन पर बैठें और शिवलिंग या भगवान शिव की तस्वीर के सामने दीप जलाएं। आप भगवान शिव को जल, बेलपत्र और धतूरा भी चढ़ा सकते हैं।
3.अंतःकरण की शुद्धि: जप करते समय मन शुद्ध रखें और मंत्र के अर्थ पर ध्यान केंद्रित करें।

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जप का सबसे अच्छा समय

1.सूर्योदय से पहले का समय (ब्रह्म मुहूर्त)
2.शाम का समय

क्या महिलाएं पीरियड्स के दौरान जप कर सकती हैं?

कुछ मान्यताओं के अनुसार, मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को मंत्र जप नहीं करना चाहिए। हालांकि, कुछ मान्यताएं यह भी कहती हैं कि महामृत्युंजय मंत्र एक शुद्धिकरण मंत्र है और इसका जप किया जा सकता है। इस परामर्श के लिए आप किसी विद्वान पंडित से सलाह ले सकते हैं।

जप की संख्या

आप अपनी श्रद्धा के अनुसार जप कर सकते हैं। आदर्श रूप से 108 बार जप करना शुभ माना जाता है। आप अपनी क्षमतानुसार जप की संख्या कम या ज्यादा भी कर सकते हैं। जप की संख्या से ज्यादा महत्वपूर्ण है भाव और श्रद्धा के साथ जप करना।
नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।